सूरजपुर : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में किसान इन दिनों बारिश की कमी से काफी परेशान हैं. जिले के कई हिस्सों में शुरुआती बारिश के बाद अब बादल जैसे रूठ गए हैं. खेतों में पानी की कमी से धान की रोपाई अटक गई है. इस संकट से निकलने और इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के धोन्धा गांव में किसानों ने एक अनोखी पहल कर मेंढक और मेंढकी का विवाह कराया गया.
बैंड-बाजे के साथ मेंढक की निकाली गई बारात
यह परंपरा आदिवासी इलाकों में सहज देखने को मिल जाती है. इसके पीछे मान्यता है कि मेंढक-मेंढकी का विवाह कराने से इंद्र देव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है. इसी विश्वास के साथ गांव वालों ने पूरी श्रद्धा और धूमधाम से मेंढक और मेंढकी की शादी करवाई. इस आयोजन में बैंड-बाजे के साथ बारात निकाली गई. बारातियों को आमंत्रण दिया गया और गांव के सैकड़ों लोग इस खास मौके पर शामिल हुए.
मंत्रोच्चार के साथ हुआ विवाह
शादी की रस्में ठीक उसी तरह निभाई गईं जैसे इंसानों की होती हैं. मेंढक-मेंढकी को विशेष रूप से सजाया गया, मंडप बनाया गया और मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न हुआ. गांव की महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाए और सभी ने मिलकर पारंपरिक डांस के साथ शादी का आनंद लिया.
बारिश की आस में सूरजपुर के किसान
इस आयोजन के पीछे किसानों की एक ही उम्मीद है और किसानों का मानना है कि जल्द ही बारिश हो और उनके खेतों में हरियाली लौटे. इस समय खेतों में धान के पौधे रोपने के लिए पानी की जरूरत है.अगर अच्छी बारिश नहीं हुई, तो फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट आ सकता है.
मेंढक-मेंढकी के विवाह की यह परंपरा ग्रामीण संस्कृति और प्रकृति के बीच संबंध को दर्शाती है. यह आयोजन केवल एक मान्यता नहीं, बल्कि किसानों की आस्था और संकट में भी उम्मीद बनाए रखने का प्रतीक है.