छत्तीसगढ़ में अजीबोगरीब मामला: IAS अफसर खुद गिरफ्तारी की गुहार लगा रहे, पुलिस कर रही अनदेखी

रायपुर: छत्तीसगढ़ के एक IAS अफसर अपनी गिरफ्तारी चाहते हैं, मगर उन्हें गिरफ्तार करने वाला कोई नहीं है। वह बार-बार सरेंडर करने अदालत पहुंच रहे हैं। वो कह रहे हैं कि मुझे गिरफ्तार कर लो, मगर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

दरअसल वो शख्स है छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला। अपनी सर्विस के दौरान ये छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव रह चुके हैं। बीते दो दिनों में दो बार अदालत पहुंचकर कह चुके हैं कि मुझे गिरफ्तार कर लो मगर इन्हें कोई गिरफ्तार नहीं कर रहा। अपनी गिरफ्तारी देने के लिए घंटे अदालत के बाहर यूं ही बैठे रहते हैं मगर इन्हें कोई नहीं पूछ रहा। यह अदालत यूं ही आए और फिर मायूस होकर लौट गए, मगर इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। आप सोच रहे होंगे कि कोई इस स्तर का अधिकारी गिरफ्तारी के लिए बेचैन क्यों है? क्यों वह अपराधियों की तरह इस तरह कोर्ट में आ रहा है और अपनी गिरफ्तारी देना चाहता है मगर उसे कोई पकड़ने वाला ही नहीं है? तो जानिए कहानी।

दरअसल रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला 2015 में उजागर हुए नान घोटाला मामले में आरोपी है। इन पर आरोप है कि घोटाला सामने आने के बाद यह जांच एजेंसी छत्तीसगढ़ एसीबी के अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में तमाम तथ्य तोड़ मरोड़ कर बच गए, कार्रवाई को प्रभावित किया ताकि इन्हें जमानत मिल सके जमानत मिल भी गई थी। बड़े आराम से जिंदगी चल रही थी मगर इसके बाद ED ने जांच शुरू की तो शिकंजा कसा और शुक्ला को घेरने की तैयारी ED ने की। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। देश की सर्वोच्च अदालत ने कह दिया कि आपकी जमानत पर तभी विचार किया जा सकेगा जब आप सरेंडर करें। इसी वजह से आलोक शुक्ला अब रायपुर की अदालत में सरेंडर करने पहुंचे। मगर मामले में नया मोड़ तब आया जब प्रवर्तन निदेशालय ने आलोक शुक्ला को हिरासत में लेने से इनकार ही कर दिया। आखिर परिवर्तन निदेशालय ने ऐसा क्यों किया निदेशालय के अधिवक्ता सौरव पांडे ने मीडिया को दी है।

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी का फिलहाल जेल जाना तय माना जा रहा है। सोमवार को अब इस मामले में अदालत फैसला लेगी। दिल्ली से प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंचेगी और उसके बाद कस्टडी को लेकर फैसला होगा। 2015 में उजागर हुए छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नान घोटाले को लेकर नए तथ्य भी सामने आ सकते हैं। आने वाले दिनों में नान घोटाले से जुड़ी और गिरफ्तारियां हो और सियासी उठा पटक हो तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा। फिलहाल अपनी गिरफ्तारी का इंतजार एक रिटायर्ड अधिकारी कर रहा है और एक बार फिर मायूस होकर कोर्ट से लौटा है।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक