संवाददाता – धनकुमार कौशिक, बिहान न्यूज़ 24×7, बलौदा बाजार (डोंगरा)
बलौदा बाजार, 22 अप्रैल 2025 – छत्तीसगढ़ में जनता की आवाज़ को सुनने और समस्याओं का तुरंत समाधान देने के उद्देश्य से चल रहे मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम पर अब सवाल उठने लगे हैं। जिला बलौदा बाजार-भाटापारा के बारनवापारा परिक्षेत्र से 11 पंचायतों के 30 से अधिक गांवों के प्रतिनिधि जब अपनी समस्याएं लेकर जनदर्शन में पहुंचे, तो उन्हें उम्मीद थी कि सरकार उनकी सुध लेगी। लेकिन जो हुआ, उसने न केवल ग्रामीणों को हैरान कर दिया बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही को उजागर कर दिया।

समूहिक आवेदन हुआ गायब, वेबसाइट पर दिखा किसी और का नाम
22 अप्रैल को आयोजित जनदर्शन में ग्रामीणों ने बिजली, जर्जर सड़क, तेंदूपत्ता संग्रहण भुगतान और सामुदायिक वन अधिकार पत्र जैसे मुद्दों पर संयुक्त आवेदन कलेक्टर को सौंपा। इस आवेदन का टोकन नंबर 2270125000717 और सुरक्षा क्रमांक 700 जारी हुआ। जब ग्रामीणों ने jandarshan.cg.nic.in पोर्टल पर आवेदन की स्थिति देखी, तो चौंकाने वाला नज़ारा सामने आया—आवेदन में बारनवापारा की जनता की समस्याओं की जगह दुर्गा चौधरी, पति शेषमणि चौधरी नामक किसी अन्य व्यक्ति का व्यक्तिगत आवेदन प्रदर्शित हो रहा था, जिसमें केवल नलकूप खनन की बात थी।
क्या प्रशासन जानबूझकर कर रहा है जनता की आवाज़ को खामोश?
इस तकनीकी या प्रशासनिक ‘गलती’ से क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त हो गया है। उनका आरोप है कि अधिकारी-कर्मचारी आम लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं और इस प्रकार की गलती कोई संयोग नहीं बल्कि जानबूझकर की गई अनदेखी है।
ग्रामीणों की चेतावनी – “समाधान शिविर से पहले समाधान नहीं तो होगा आंदोलन”
22 अप्रैल को ही प्रतिनिधियों ने कलेक्टर को यह स्पष्ट रूप से बताया था कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान समाधान शिविर से पहले नहीं किया गया, तो वे उस शिविर का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे। ग्रामीण नेताओं ने यह भी कहा कि यह लड़ाई केवल विकास की नहीं, बल्कि सम्मान और अधिकारों की है।
बैठक की तैयारी तेज, क्षेत्रीय नेतृत्व आगे आया
अब इस मुद्दे पर क्षेत्र में व्यापक बैठक की तैयारी हो रही है, जिसकी अगुवाई रामचरण यादव, गोलू ठाकुर, पुरुषोत्तम प्रधान, अनिरुद्ध दीवान, अमरध्वज यादव, खेमराज ठाकुर, लक्ष्मीनारायण, तेजराम ठाकुर, कलप, संजीव कुमार, संतोष कुमार, कन्हैया भोई, अंजोर सिंह, नाथूराम, अवन टंडन, श्यामानंद भोई, भुनेश्वर ठाकुर सहित अनेक पंच-सरपंच व जनप्रतिनिधि कर रहे हैं।
सरकार को चेतावनी – अब नहीं तो फिर जनता सड़कों पर होगी
ग्रामीणों की मांग है कि उनके आवेदन को तुरंत सही कर, संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे शांतिपूर्वक विरोध नहीं करेंगे, बल्कि बड़ा जनांदोलन खड़ा करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी।
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