देशभर में इन दिनों ईवीएम को लेकर बड़ा राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। विपक्ष जहां ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है, वहीं सरकार और चुनाव आयोग लगातार इसे सुरक्षित और पारदर्शी बता रहे हैं। इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने ईवीएम के इतिहास का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आज जिस मशीन पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उसकी शुरुआत कांग्रेस सरकार में ही हुई थी।
अमित शाह ने एक रैली में कहा कि ईवीएम का प्रयोग पहली बार 1980 के दशक में राजीव गांधी के कार्यकाल में किया गया था। उन्होंने याद दिलाया कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, तब इस मशीन का परीक्षण शुरू हुआ और चुनाव आयोग ने चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार भी किया। शाह ने तंज कसते हुए कहा कि आज कांग्रेस उसी प्रणाली पर सवाल उठा रही है, जिसका बीज उसने खुद बोया था।
ईवीएम का इतिहास भी काफी रोचक है। इसकी शुरुआत 1977 में डिजाइन तैयार होने के साथ हुई, जिसके बाद 1982 में केरल विधानसभा चुनाव के एक बूथ में पहली बार ईवीएम का उपयोग हुआ। धीरे-धीरे 1990 के दशक में इसका विस्तार शुरू हुआ और 2000 के दशक में इसे पूरी तरह लागू कर दिया गया। भारत आज उन कुछ देशों में से है, जहां चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संचालित होती है। विवाद के बीच यह बहस फिर तेज हो गई है कि ईवीएम भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करती है या उस पर शक किया जाना चाहिए।
