Chhattisgarh: मितानिन संघ का राजधानी में जोरदार प्रदर्शन, 3 सूत्रीय मांगों को लेकर खोला मोर्चा

रायपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कही जाने वाली मितानिन कार्यकर्ताओं ने अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हजारों की संख्या में मितानिन महिलाएं नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर जुटीं और एक दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया।

स्वास्थ्य मितानिन संघ की पदाधिकारियों ने बताया कि 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर और ब्लॉक कोऑर्डिनेटरों को NHM के अंतर्गत लाया जाएगा। लेकिन इसके विपरीत, कार्यक्रम संचालन की जिम्मेदारी एक दिल्ली की एनजीओ को सौंप दी गई है, जिससे प्रदेशभर की मितानिनें खुद को ठगा महसूस कर रही हैं।

संघ का आरोप है कि पिछले 13 महीनों से वेतन/मानदेय का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है। 3-4 महीने के अंतराल में भुगतान होने से मितानिनों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इसको लेकर पहले भी 13 दिसंबर 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी, तब शासन ने सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

इसी कारण संघ ने अब दोबारा मोर्चा खोलते हुए 7 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन काम बंद और कलम बंद आंदोलन का ऐलान किया है। संघ का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि अब मितानिन कार्यकर्ता किसी एनजीओ के अधीन काम नहीं करेंगे। यदि सरकार मितानिनों की मेहनत और सेवा को सही मायने में सम्मान देना चाहती है, तो उन्हें NHM के तहत स्थायी किया जाए और वेतन में वृद्धि की जाए।

स्वास्थ्य मितानिन संघ की प्रमुख मांगे

  1. चुनावी घोषणा पत्र 2023 में किया गया वादा: मितानिन कार्यक्रम में कार्यरत मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) अंतर्गत संविलियन के वादे को पूरा किया जाए।
  2. चुनावी घोषणा पत्र 2023 में किया गया वादा: मितानिन कार्यक्रम में कार्यरत मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के वेतन/क्षतिपूर्ति में 50 प्रतिशत वृद्धि की जाए। शासन यह वादा पूरा करे।
  3. मितानिन कार्यक्रम में कार्यरत मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर एन.जी.ओ. के अंतर्गत कार्य नहीं करेंगे। शासन ठेका प्रथा बंद करे।

मितानिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह आंदोलन केवल उनके अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भी है। एक मितानिन कार्यकर्ता ने कहा कि हम अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरी हैं। हमें स्थायित्व, सम्मान और समय पर वेतन चाहिए। अगर सरकार वादे नहीं निभाएगी, तो आंदोलन और तेज होगा। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में शासन मितानिनों की इन मांगों को लेकर क्या रुख अपनाता है।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

One thought on “Chhattisgarh: मितानिन संघ का राजधानी में जोरदार प्रदर्शन, 3 सूत्रीय मांगों को लेकर खोला मोर्चा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *