जापान ने मंगलवार को संभावित ‘महाभूकंप और सुनामी’ को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। देश के मौसम विभाग ने समुद्र में लगातार आ रही असामान्य गतिविधियों और भूकंपीय बदलावों के आधार पर तटीय इलाकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। जापान प्रशांत ‘रिंग ऑफ फायर’ में स्थित होने के कारण दुनिया के सबसे संवेदनशील भूकंप क्षेत्रों में आता है, जहां बड़े झटकों का खतरा हमेशा बना रहता है।
अलर्ट जारी होने के बाद जापान के तटवर्ती इलाकों में इमरजेंसी तैयारी, बचाव दलों की तैनाती और समुद्र किनारे बसे इलाकों की निगरानी तेज कर दी गई है। लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने और समुद्री गतिविधियों से दूर रहने की अपील की गई है। इस चेतावनी ने फुकुशिमा और मियागी जैसे क्षेत्रों में चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि ये इलाके पहले भी बड़े भूकंपों का सामना कर चुके हैं।
अब सवाल उठता है—क्या इसका असर भारत पर पड़ेगा? विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल भारत के तटीय इलाकों में किसी बड़े खतरे की संभावना नहीं है। जापान और भारत के बीच हजारों किलोमीटर की दूरी तथा अलग समुद्री प्लेटें होने की वजह से इसका सीधा प्रभाव भारतीय तटों पर नहीं पड़ेगा। हालांकि भारतीय मौसम विभाग जापान की गतिविधियों पर सतत नजर बनाए हुए है और किसी भी संभावित परिवर्तन पर तुरंत अपडेट जारी करेगा।
स्थिति गंभीर होने के कारण जापान में सतर्कता बढ़ाई गई है, जबकि भारत के लिए फिलहाल राहत भरी बात यह है कि देश पर सीधे खतरे का अनुमान नहीं है।
