छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने की कगार पर — 18 अगस्त से 16 हजार से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, आपातकालीन सेवाएं भी रहेंगी बंद”

निखिल वखारिया।


गरियाबंद, 16 अगस्त 2025 |

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरने वाले हैं। संघ ने इसकी औपचारिक सूचना सभी कलेक्टर, सीएमएचओ, सीएस और बीएमओ को भेज दी है। इस बार आंदोलन में आपातकालीन सेवाएं भी ठप रहेंगी, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है।


✦ आंदोलन का पृष्ठभूमि और कारण

एनएचएम कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों — प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, महासचिव कौशलेश तिवारी, डॉ. रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, हेमंत सिन्हा, प्रफुल्ल कुमार और गरियाबंद जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले ने बताया कि सरकार के अड़ियल और बेरुखे रवैये से कर्मचारी बेहद नाराज़ हैं।

15 अगस्त तक सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं आने के कारण कर्मचारियों ने कामबंद और कलमबंद हड़ताल को इस बार अनिश्चितकालीन करने का ऐलान किया है।


✦ आपातकालीन सेवाओं पर भी ताला

संघ ने इस बार साफ कर दिया है कि आंदोलन के दौरान विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (SNCU), आपातकालीन वार्ड और इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी।
👉 इसका सीधा असर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने की आशंका है।


✦ एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

  1. संविलियन / स्थायीकरण
  2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
  3. ग्रेड पे का निर्धारण
  4. कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता
  5. लंबित 27% वेतन वृद्धि
  6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
  7. अनुकम्पा नियुक्ति
  8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश सुविधा
  9. स्थानांतरण नीति
  10. न्यूनतम 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा

✦ “20 साल की सेवा, लेकिन अब भी उपेक्षा”

कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों से वे प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर बड़े अस्पतालों तक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं
कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया, लेकिन आज भी वे मूलभूत सुविधाओं और नियमितीकरण से वंचित हैं।
अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के एनएचएम कर्मचारी अभी भी असुरक्षा की स्थिति में हैं।


✦ राजनीतिक समर्थन और मौजूदा चुप्पी

संघ प्रवक्ता पूरन दास ने कहा कि मौजूदा सरकार के वरिष्ठ नेता —
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी और वन मंत्री केदार कश्यप — पूर्व में एनएचएम कर्मचारियों के मंचों पर आकर समर्थन जताते रहे हैं।

👉 भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र “मोदी की गारंटी” में भी कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया गया था।
फिर भी बीते 20 महीनों में 160 से अधिक बार ज्ञापन और आवेदन सौंपने के बावजूद कोई समाधान सामने नहीं आया।


✦ चेतावनी — जनता की सेहत पर संकट

संघ ने कहा कि यदि सरकार ने अब भी तत्काल संवाद और समाधान नहीं किया, तो आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो सकती हैं।
👉 ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और गंभीर हो सकती है, जहां पहले से ही संसाधनों की कमी है।

“कर्मचारियों को मजबूरी में हड़ताल करनी पड़ रही है, अब जिम्मेदारी पूरी तरह से शासन की होगी।” — एनएचएम संघ


Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक