राम लखन पाठक।
सिंगरौली, 10 मई (देवसर)।
देवसर नगर का मुख्य बाजार क्षेत्र शनिवार को एक बार फिर अव्यवस्थित अतिक्रमण और लचर यातायात प्रबंधन की भेंट चढ़ गया। सप्ताहांत की भीड़ के बीच बाजार मार्ग पर ऐसा भीषण जाम लगा कि वाहन चालकों से लेकर राहगीरों तक को घंटों फंसे रहना पड़ा। जाम की सूचना मिलते ही जियावन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर काफी मशक्कत के बाद ट्रैफिक को नियंत्रित किया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि देवसर बाजार की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। व्यापारियों द्वारा सड़क और फुटपाथ पर सामान फैलाया जाना और वाहन चालक द्वारा मनमाने ढंग से गाड़ियां खड़ी कर देना, जाम की प्रमुख वजह बन चुके हैं। बताया जा रहा है कि एनएच-39 से गुजरते इस व्यस्त बाजार क्षेत्र की करीब 50 फीसदी सड़क अतिक्रमण की चपेट में है।
शनिवार की शाम जैसे ही बाजार में भीड़ बढ़ी, स्थिति बेकाबू हो गई। घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही, जिससे आपातकालीन सेवाओं तक के लिए रास्ता नहीं बचा। कई स्कूली वाहन, निजी कारें और दोपहिया वाहन फंसे रहे। इस दौरान धूप और धूल में यात्रियों को बेहाल हालत में इंतजार करना पड़ा।
पुलिस बल को जाम छुड़ाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन यह सवाल भी खड़ा हो गया कि प्रशासन आखिर इस समस्या की तरफ ध्यान क्यों नहीं दे रहा है? क्या स्थानीय प्रशासन और एसडीएम आंख मूंदे बैठे हैं?
स्थानीय नागरिकों का आक्रोश अब खुलकर सामने आने लगा है। नागरिकों ने स्पष्ट कहा है कि यदि शीघ्र अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं की गई, तो जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
प्रमुख मांगें:
- अवैध अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई हो
- पार्किंग व्यवस्था को व्यवस्थित किया जाए
- बाजार मार्ग पर नियमित ट्रैफिक पुलिस की तैनाती सुनिश्चित हो
- एसडीएम स्तर पर सघन निरीक्षण और साप्ताहिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की जाए
इस पूरे घटनाक्रम ने नगर प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। सवाल यह नहीं कि जाम क्यों लगा, बल्कि यह है कि बार-बार चेताने के बावजूद प्रशासन आखिर कब तक चुप रहेगा?
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