रायपुर: कांकेर जिले में हुई हिंसा और अवैध धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए छत्तीसगढ़ बंद का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला। रायपुर, कांकेर, दुर्ग, बिलासपुर और जगदलपुर समेत कई शहरों में सुबह से ही बाजार, दुकानें और व्यावसायिक संस्थान बंद रहे। बंद के कारण बस और ऑटो रिक्शा सेवाएं भी प्रभावित रहीं, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
मैग्नेटो मॉल में जमकर हंगामा
रायपुर के मैग्नेटो मॉल में उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने क्रिसमस को लेकर की गई सजावट पर नाराजगी जताई। मॉल में लगे सजावटी सामान को हटाते हुए प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। घटना की सूचना मिलते ही तेलीबांधा पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
तेलीबांधा थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने बताया कि रायपुर बंद के समर्थन में निकले कुछ लोगों ने मॉल परिसर में तोड़फोड़ की है। हालांकि, मॉल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलने पर पूरे मामले की जांच की जाएगी।
बस संचालन और पेट्रोल पंप भी प्रभावित
बंद के अगले दिन सर्व आदिवासी समाज के कार्यकर्ताओं ने अंतरराज्यीय बस अड्डे पहुंचकर बसों के संचालन पर रोक लगा दी। वहीं, आमानाका इलाके में पेट्रोल पंप बंद कराने को लेकर भी तनावपूर्ण माहौल देखा गया।
धर्मांतरण के खिलाफ प्रदेशभर में प्रदर्शन
कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई हिंसा और कथित अवैध धर्मांतरण के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था। इसका असर रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर समेत कई जिलों में दिखा, जहां स्कूल, दुकानें और कॉमर्शियल संस्थान बंद रहे।
कांकेर में महिला के घर में तोड़फोड़ का आरोप
कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के उसेली गांव में एक बार फिर तनाव की स्थिति बनी। यहां धर्मांतरित महिला राम बाई तारम के घर में तोड़फोड़ की गई। महिला का आरोप है कि उसने ईसाई धर्म अपनाया है और वह हिंदू धर्म में वापस नहीं आना चाहती, इसी कारण कुछ लोगों ने उसके घर में तोड़फोड़ की।
धमतरी में आक्रोश रैली
धमतरी में सर्व हिंदू समाज ने धर्मांतरण के विरोध में शहर में आक्रोश रैली निकाली। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने धर्मांतरण और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आक्रोश रैली एसडीएम कार्यालय पहुंची, जहां मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।कुल मिलाकर, अवैध धर्मांतरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ बंद का असर प्रदेशभर में नजर आया और कई स्थानों पर तनाव व हंगामे की स्थिति बनी रही।
