Bilaspur Train Accident: गतौरा रेलवे लाइन के पास मंगलवार को एक भीषण रेल दुर्घटना सामने आई थी। यहाँ शाम करीब 4 बजे कोरबा से आ रही मेमू ट्रेन, अपने सामने चल रही एक मालगाड़ी से जा टकराई थी। इस हादसे में मेमू ट्रेन का पहला कंट्रोल बोगी मालगाड़ी के ऊपर जा चढ़ा। यह महिला बोगी भी थी, जिस पर बने पैमाने पर यात्री सवार थे। हादसे में अब तक 12 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। रेल विभाग इस हादसे की पूरी गंभीरता से जांच में जुटा है। शुरुआती इन्वेस्टिगेशन में यह बात तय हो गई थी कि, लोको पायलट्स ने रेड सिग्नल ओवरशूट किया था, यानी उन्होंने सिग्नल की अनदेखी करते हुए ट्रेन ट्रैक पर आगे बढ़ा दिया था।
हालांकि रेलवे अब इस बातकी जाँच कर रहा है कि, ऐसा कैसे सम्भव है कि, लोको पायलट्स ने रेड सिग्नल की अनदेखी की? सवाल यह भी उठ रहे है कि, हो सकता है सिग्नल में ही कोई खराबी हो और वह गलत संकेत दे रहा हो। हालांकि हादसे का शिकार हुए मेमू ट्रेन के डेटा बॉक्स से जो जानकारियां सामने आई है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक़ टक्कर से पहले मेमू ट्रेन की स्पीड 76 किलोमीटर प्रतिघंटे थी, जबकि मालगाड़ी की सबसे पीछे वाले बोगी से टकराने के दौरान यह गति 48 किमी प्रति घंटे पर आ गई थी। रफ़्तार में यह कमी इमरजेंसी ब्रेक लगाने की वजह से आई थी।
बताया गया है कि, टक्कर से पहले लोको पायलट्स ने इमरजेंसी ब्रेक अप्लाई किया था। यही वजह है कि, ट्रेन अपेक्षाकृत कम रफ्तार के साथ मालगाड़ी की बोगी से टकराई और ट्रेन के सामने की बोगी और उसमें सवार यात्रियों को ही नुकसान हुआ। रेलवे के मुताबिक़ अगर लोको पायलट्स ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाया होता और ट्रेन की गति बरक़रार रहती तो नुकसान और भी भीषण हो सकता था।
