मुंगेली : जिले के बरदुली प्राइमरी स्कूल में हुई हादसे की घटना ने जिले से लेकर राजधानी तक प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. वाकये से नाराज कलेक्टर ने देर रात तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक मैराथन बैठक लेकर जमकर क्लास ली. इस बैठक में DEO, DMC, BEO, BRC को जमकर फटकार लगाई गई.
बरदुली प्राइमरी स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई, तो दूसरे की सिर ही फट गया था. इस घटना की जानकारी तब मीडिया को हुए, जब बच्ची को सीटी स्कैन के लिए ले जाया गया. केवल मीडिया को ही नहीं बल्कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने इसकी जानकारी कलेक्टर को देना तक जरूरी नहीं समझा.
अगले दिन मीडिया की खबर के बाद कलेक्टर कुंदन कुमार को इस हादसे की जानकारी हुई. मामले की संवदेनशीलता को समझते हुए गौ संरक्षण से संबंधित बड़े कार्यक्रम, जिसमें डिप्टी सीएम व विधायकों की उपस्थिति थी, को छोड़कर कलेक्टर कुंदन कुमार और जिला पंचायत सीईओ ने तत्काल मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और घायल छात्रा के बेहतर उपचार के निर्देश दिए. लापरवाही का आलम ये था कि जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर एवं जिला सीईओ के मौके पर पहुँचने के पश्चात पहुंचे.
1 अगस्त को ही जारी किए गए थे निर्देश
हैरानी की बात यह है कि कलेक्टर कुंदन कुमार ने 1 अगस्त को ही यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी जर्जर या दुर्घटना की आशंका वाले स्कूल भवन में कक्षाएं संचालित न की जाएं. इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों ने न तो इसका पालन किया और न ही कोई रिपोर्ट या प्रपत्र कलेक्टर को सौंपा. इसी लापरवाही पर कलेक्टर का गुस्सा भड़क उठा.
रातों-रात विभागों से मंगवाए गए प्रपत्र
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने रातों-रात जिले के सभी स्कूलों से भवनों की स्थिति की रिपोर्ट तलब की. सभी BEO और विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों को निर्देश दिए गए कि वे तत्काल रिपोर्ट तैयार कर सौंपें. घबराए अफसरों ने देर रात तक काम कर संबंधित प्रपत्र कलेक्टर को सौंपे. रिपोर्ट में कहा गया है कि अब जिले में कोई भी स्कूल जर्जर या खतरे वाले भवन में संचालित नहीं हो रहा. हालांकि, कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि यदि भविष्य में फिर कोई ऐसी घटना होती है, तो सीधी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी.
लापरवाह अधिकारियों पर लटकी तलवार
इस मामले में कलेक्टर ने DEO सीके धृतलहरे और DMC ओपी कौशिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इससे पहले BEO जितेंद्र कुमार बावरे, BRC सूर्यकांत उपाध्याय, संकुल समन्वयक शत्रुघ्न साहू और प्रधान पाठक अखिलेश शर्मा को भी नोटिस जारी किया जा चुका है.
सीएम हाऊस तक मामले की गूंज
सूत्रों की मानें तो यह मामला मुख्यमंत्री निवास और शिक्षा सचिव तक पहुंच चुका है. कलेक्टर से उच्चस्तरीय अधिकारियों ने सीधे संपर्क कर घटना की जानकारी ली और स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. साथ ही लापरवाही बरतने वालों पर सख्त विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए है.