मनेंद्रगढ़ : छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में आयोजित राज्योत्सव के समापन समारोह में पहलगाम हमले में कई लोगों की जान बचाने वाले नजाकत अली और उनके परिवार को सम्मानित किया गया। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और विधायक रेणुका सिंह ने उन्हें यह सम्मान दिया।
नजाकत अली जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चश्मदीद हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई लोगों की जान बचाई थी। नजाकत अली पिछले पंद्रह सालों से ठंड के मौसम में छत्तीसगढ़ के चिरमिरी आकर कश्मीरी गर्म कपड़ों का व्यापार करते हैं। कश्मीर में वे पर्यटन से संबंधित काम भी करते हैं। वर्तमान में वे चिरमिरी में ही मौजूद हैं।
22 अप्रैल को हुआ था आतंकी हमला
मीडिया से बातचीत में नजाकत अली ने बताया कि आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बेसरनबेली में हुआ था। उस दौरान वे मौके पर मौजूद थे, जब आतंकियों ने अचानक शैलानियों पर हमला कर दिया। इस हमले में उनके भाई सहित कई भारतीयों की मौत हो गई थी। नजाकत अली ने बताया कि अपनी जान की परवाह किए बिना चिरमिरी से गए चार परिवारों के 11 शैलानियों की जान बचाने में सफलता हासिल की थी। इन शैलानियों में चिरमिरी के लक्की परासर, अरविंद अग्रवाल, शिवांस जैन और हैप्पी वधावन शामिल थे, जो अपनी पत्नियों और तीन बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गए थे।
