छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों के लिए किए दिशा-निर्देश जारी, पंडाल और रैलियों पर विशेष नियम

रायपुर : राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक छोटे-बड़े कार्यक्रमों के संबंध में दिशा-निर्देश  जारी किए गए हैं. आदेश के अनुसार आयोजनों को भीड़ और स्थान के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा गया है. छोटे आयोजनों में 500 तक लोग और 5000 वर्ग फीट तक का स्थान शामिल होगा, जबकि बड़े आयोजनों में 500 से अधिक लोगों की भीड़ या 5000 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल वाला आयोजन माना जाएगा. 

विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

डीजे संचालक नहीं माने पुलिस की बात

पुलिस की सख्ती के बीच रायपुर के डीजे धुमाल संघ ने अलग रुख अपनाया है। संघ के अध्यक्ष गौतम महानंद ने कहा कि अगर डीजे बजाना पूरी तरह बंद कर देंगे तो उनके साथियों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार वे कम साउंड में डीजे और धुमाल बजाएंगे। गौतम महानंद ने कहा – “गणेशोत्सव हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। बप्पा का आगमन और विसर्जन डीजे धुमाल के बिना अधूरा लगता है। हालांकि, हम पुलिस की गाइडलाइन का ध्यान रखेंगे और कम साउंड में डीजे-धुमाल बजाएंगे। पिछले साल भी डीजे बजाने पर हमें भारी-भरकम चालान पटाना पड़ा था, लेकिन हमारे काम पर रोक लगाना हमारे परिवारों की रोजी-रोटी छीनना है।”

पुलिस-पब्लिक आमने-सामने

रायपुर पुलिस और डीजे संचालकों के बीच इस मुद्दे पर गतिरोध की स्थिति बन गई है। पुलिस जहां कानून व्यवस्था और ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के मूड में है, वहीं डीजे संचालक इसे रोजी-रोटी का सवाल बता रहे हैं। स्थानीय समितियों का कहना है कि गणेशोत्सव के दौरान डीजे और धुमाल के बिना जुलूस अधूरा लगता है। कई युवा डीजे धुमाल के साथ बप्पा की आराधना को उल्लासपूर्ण मानते हैं। लेकिन दूसरी ओर, शहरवासियों के एक बड़े वर्ग का मानना है कि तेज आवाज वाले डीजे से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है, मरीजों को दिक्कत होती है और बुजुर्गों की नींद हराम होती है।

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की गाइडलाइन

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कई बार धार्मिक आयोजनों के दौरान ध्वनि प्रदूषण को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। वहीं ध्वनि प्रदूषण स्तर से अधिक आवाज में डीजे बजाना भी गैरकानूनी है। पुलिस प्रशासन ने कहा है कि इस बार गणेशोत्सव के दौरान विशेष गश्त और निगरानी की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए मोबाइल टीम बनाई गई है, जो मौके पर जाकर जांच करेगी। अगर कहीं भी डीजे बजाने की शिकायत मिलती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक