बार-बार अनुपस्थित रहने वाले पशु चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग — तेंदुए की घटना से लेकर अस्पताल बंद रहने तक ग्रामीणों का आक्रोश

निखिल वखारिया

गरियाबंद
धवलपुर निवासी लखन गिरी गोस्वामी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बिंद्रानवागढ़ पशु चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. वेदप्रकाश सोनवानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी लापरवाही और अनुपस्थित रहने की आदत से न सिर्फ पशुपालक परेशान हैं, बल्कि गंभीर घटनाओं में भी उनकी जिम्मेदारी पर सवाल उठते रहे हैं।

तेंदुए की घटना से उजागर हुई लापरवाही

17 दिसंबर 2024 को प्रकाशित खबर में यह सामने आया था कि 16 दिसंबर 2024 को घायल तेंदुए को बेहोश करने के लिए वन विभाग ने पशु विभाग से तत्काल मदद मांगी थी। लेकिन डॉ. सोनवानी करीब आधा घंटे की देरी से मौके पर पहुंचे और वह भी खाली हाथ। उस दौरान तेंदुए को ग्रामीणों ने तीन से चार घंटे तक डंडों से दबाकर रखा, लेकिन डॉक्टर ने न तो कोई दवा दी और न ही कोई सलाह। इस घटना ने विभागीय कार्यशैली और डॉक्टर की गंभीर लापरवाही को उजागर कर दिया था।

अस्पताल में भी नहीं मिलती सेवा

ग्रामवासियों का कहना है कि डॉक्टर सोनवानी नियमित रूप से ड्यूटी पर नहीं रहते। कई बार अस्पताल निर्धारित समय पर खुला ही नहीं मिलता। जिन पशुपालकों के पशु बीमार होते हैं और वे मालिक मौके पर नहीं रह पाते, वे अपने मवेशियों को मुख्य मार्ग या सड़क किनारे रातभर रोके रखने को मजबूर होते हैं।

रेडियम बेल्ट जैसी योजनाओं की जानकारी लेने और अन्य उपचार कार्यों के लिए भी ग्रामीणों को कई बार अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है, लेकिन डॉक्टर प्रायः नदारद रहते हैं।

कार्रवाई की मांग

लखन गिरी ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है और अब ग्रामीणों का सब्र टूट चुका है। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि इस गंभीर समस्या को देखते हुए संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर जांच कराई जाए और डॉ. सोनवानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक इस तरह के गैरजिम्मेदार कर्मचारियों पर अंकुश नहीं लगेगा, तब तक पशुपालकों को राहत नहीं मिलेगी और पशु चिकित्सा सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चल पाएंगी।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक