Zubeen Garg: सिंगापुर से आया जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर, गुवाहाटी में अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

Zubeen Garg: प्रसिद्ध गायक, अभिनेता और फिल्म निर्माता जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर गुवाहाटी पहुंच गया. उनके अंतिम दर्शन के लिए एयरपोर्ट का नज़ारा किसी जनसैलाब से कम नहीं था. हजारों लोग अपने चहेते गायक जुबीन गर्ग के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. जैसे ही सिंगापुर से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी पहुंचा वहां मौजूद हर आंख नम हो उठी. पुलिस को भीड़ संभालने और शव वाहन को रास्ता देने के लिए मशक्कत करनी पड़ी.

तीन दिन का राजकीय शोक

असम सरकार ने जुबीन गर्ग के निधन पर 20 से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान किसी भी तरह के आधिकारिक उत्सव या मनोरंजन कार्यक्रम पर रोक रहेगी. रविवार को सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (सरसजाई स्टेडियम) में आम श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा, ताकि लाखों लोग अपने प्रिय कलाकार को अंतिम विदाई दे सकें.

सिंगापुर में हुआ निधन

52 वर्षीय जुबीन गर्ग का शुक्रवार को सिंगापुर में हार्ट अटैक से निधन हुआ. वह नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में परफॉर्म करने गए थे. रिपोर्ट्स के अनुसार लेजरस आइलैंड पर स्कूबा डाइविंग के दौरान तैरते हुए उन्हें दौरा पड़ा. सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल ले जाते समय दोपहर 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. पत्नी गारिमा साइकिया गर्ग ने बताया कि उन्हें पहले भी दौरा पड़ा था, लेकिन इस बार हालत बिगड़ गई और बचाया नहीं जा सका. शनिवार को पोस्टमॉर्टम किया गया.

सीएम ने दिया जांच का आदेश

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जुबीन गर्ग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जुबीन असम की आत्मा थे, उनकी आवाज़ लोगों को ऊर्जा देती थी और उनका जाना ऐसा शून्य है जो कभी नहीं भरेगा. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार उनकी मौत की परिस्थितियों की गहन जांच कराएगी. उन्होंने डीजीपी को सभी दर्ज प्राथमिकी सीआईडी को सौंपने और समेकित मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

पहली एफआईआर फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत और मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ दर्ज की गई है. आरोप है कि उन्हें साजिश के तहत विदेश ले जाया गया. अब सीआईडी इन आरोपों की पड़ताल करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी भी तरह का आपराधिक पहलू सामने आता है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक