कोच्चि: कभी-कभी भूलवश कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिससे पूरे संगठन पर लोगों को सवाल उठाने का मौका मिल जाता है। वहीं अगर राजनीति में ऐसी घटनाएं हों तो फिर विरोधियों को मसाला मिल जाता है। वे मामले को तूल देकर विरोधी पक्ष पर हावी होने की कोशिश करते हैं। कोच्चि के एलूर में कुछ ऐसी ही घटना घटी जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की शाखा समिति में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के बजाय कांग्रेस पार्टी का झंडा फहरा दिया।
कांग्रेस के झंडे को समझ लिया तिरंगा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की एक शाखा समिति के लिए उस समय असहज स्थिति पैदा हो गयी जब उसने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के बजाय कांग्रेस पार्टी का झंडा फहरा दिया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक बुजुर्ग स्थानीय नेता ने गलती से कांग्रेस के झंडे को तिरंगा समझ लिया। यह नेता वामंपथी पार्टी के वरिष्ठ नागरिक मंच के पदाधिकारी भी हैं।
मामला संज्ञान में आते ही कांग्रेस को झंडे को उतारा
पार्टी के एक नेता ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बुधवार को यहां बताया कि कई स्थानीय नेता और सदस्य समारोह में शामिल हुए थे। एक अन्य नेता ने कहा कि झंडा फहराने के बाद ही कार्यक्रम में शामिल एक व्यक्ति ने गलती की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी का झंडा मुश्किल से 10 मिनट तक ही लहराता रहा।’’ उन्होंने कहा कि उसे तुरंत नीचे उतार लिया गया। लेकिन इस घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आ गये।
क्यों नहीं हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई?
माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने इस घटना की जांच की और पाया कि यह वास्तव में एक गलती थी। उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित नेता ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने पास कई पार्टी के झंडे रखे थे और गलती से कांग्रेस के झंडे को राष्ट्रीय ध्वज समझ लिया। उनकी उम्र और परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी ने कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न करने का फैसला किया है।’’