इंदौर: शहर के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल एमवायएच में लापरवाही और अव्यवस्थाओं का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में चूहों ने दो अलग-अलग दिनों में दो नवजात शिशुओं के हाथ कुतर दिए। मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मच गया है। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की नींद उड़ गई है। वहीं अस्पताल की ओर से इसपर सफाई दी गई है। इसके साथ ही दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। बता दें कि यह घटना रविवार रात की है।
दो नवजातों को कुतरा
दरअसल, दोनों नवजात बच्चे कुछ दिन पहले ही जन्म के तुरंत बाद एनआईसीयू में भर्ती किए गए थे। इसी दौरान यह घटना सामने आई। अस्पताल में भर्ती दो बच्चों को चूहों ने काट लिया है। हालांकि दोनों बच्चों की हालत ठीक है, उनका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल स्टाफ के मुताबिक वार्डों में चूहे हो गए हैं और एनआईसीयू में तो कई दिनों से एक बड़ा चूहा सक्रिय है। रविवार को जब पहला मामला सामने आया था, तब डॉक्टर को लगा के बच्चे को कोई इन्फेक्शन हुआ है। लेकिन सोमवार को जब फिर नवजात को चूहा काट गया। इसके बाद वार्ड में डॉक्टरों को चूहा भी दिखा, तो डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया।
जांच के आदेश
वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने घटनाओं की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों बच्चे ठीक हैं। चूहों ने उन्हें काटा था। ये अत्यंत संवेदनशील मामला है। चूहों द्वारा नवजात बच्चों के शरीर को कुतरने के मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है ताकि पता चल सके कि इसमें किन लोगों की लापरवाही और चूक रही है। अस्पताल में चूहों की आवाजाही रोकने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। एमवायएच के कर्मचारियों को ताकीद की गई है कि वे अस्पताल में पूरे 24 घंटे निगरानी बनाए रखें ताकि आइंदा ऐसी घटना न हो। उन्होंने बताया कि एमवायएच की खिड़कियों पर लोहे की मजबूत जालियां लगवाई जा रही हैं और मरीजों के तीमारदारों से कहा गया है कि वे बाहर से खाने-पीने का सामान लेकर अस्पताल के वॉर्ड में न आएं क्योंकि ये चीजें चूहों को आकर्षित करती हैं।