पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों पर बड़ा खुलासा हुआ है। हमले में शामिल तीन आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत सामने आए हैं। ये वो आतंकी हैं, जिन्हें ऑपरेशन महादेव में मार गिराया गया था। पहलगाम हमने में शामिल आतंकी सुलेमान शाह का ऑपरेशनल नाम फैजल जट था। A++ कैटिगरी का सुलेमान पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। इसे ऑपरेशन महादेव में मार गिराया गया है।
तीसरे आतंकी का नाम था जिब्रान
हमले में शामिल दूसरे आतंकी अबु हमजा का ऑपरेशनल नाम अफगान था। ये ए-ग्रेड का कमांडर लेवल का आतंकी था। तीसरे आतंकी यासिर का ऑपरेशनल नाम जिब्रान था। ये भी A कैटिगरी का आतंकी कमांडर था।
मिले पाकिस्तानी वोटर आईडी कार्ड
सुरक्षा एजेंसियों को सुलेमान और अबु हमजा के पास से पाकिस्तानी वोटर आईडी कार्ड मिले हैं, लाहौर और गुजरांवाला की वोटर लिस्ट में दोनों के नाम पाए गए हैं। सैटेलाइट फोन पर मिले फिंगरप्रिंट से आतंकियों की पहचान की गई है।
आतंकियों के पास से कराची की चॉकलेट भी मिली
ये आतंकी पीओके के रावलाकोट और कसूर के रहने वाले थे। आतंकियों के पास से कराची में बने चॉकलेट मिले हैं। आतंकियों का ये ग्रुप 21 अप्रैल को बैसरन घाटी से 2 किलोमीटर दूर पहुंचा था। फोन के GPS लोकेशन से पहलगाम हमले में शामिल होने की पुष्टि हुई है।
बरामद हथियारों की भी हुई जांच
ऑपरेशन महादेव में बरामद हथियारों की जांच की गई है। बैलिस्टिक जांच से पहलगाम हमले में इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। आतंकियों का DNA भी मैच कराया गया है। इसके बाद ही ये पुख्ता हुआ कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तानी थे, जिन्हें ऑपरेशन महादेव के तहत मार गिराया गया।

शुरुआत में जारी हुए थे गलत स्केचेस
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 24 अप्रैल 2025 को हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा और स्थानीय आदिल हुसैन थोकर के स्केचेस जारी किए थे। जुलाई की ऑपरेशन महादेव के बाद एनआईए ने स्पष्ट किया कि ये स्केचेस दिसंबर 2024 की एक गोलीबारी से प्राप्त एक फोन पर मिली तस्वीर पर आधारित थे। वास्तविक हमलावर अलग-अलग आतंकी थे। इस तरह भ्रम फैल गया था।
क्या है ऑपरेशन महादेव?
ऑपरेशन महादेव जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया एक आतंकवाद-रोधी अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों को खत्म करना था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या हुई थी। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह, जो इस हमले का मास्टरमाइंड था। इसमें तीन आतंकियों को मार गिराया गया था।