इतिहास रचने के बाद वतन लौटे शुभांशु, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत… कई सम्मान समारोहों में होंगे शामिल

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का रविवार तड़के दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत हुआ. रविवार की रात शुभांशु भारत वापस लौटे, उनकी अगवानी के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एयरपोर्ट पहुंचीं थी. भारी संख्या में आम लोग भी तिरंगा लेकर शुभांशु के स्वागत के लिए नजर आए.

शुभांशु शुक्ला ने दो हफ़्ते से ज़्यादा समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में गुज़ारा है. आईएसएस पहुंचने वाले वो पहले भारतीय हैं. अमेरिका से जब वो भारत के लिए वापसी कर रहे थे, तब एक पोस्ट में उन्होंने अपनी भावनाएं उकेर दीं थी. उन्होंने कहा कि वापस लौटते हुए एक तरफ़ परिवार, दोस्तों और देशवासियों से मिलने की ख़ुशी भी है तो दूसरी तरफ़ मिशन में साथ काम करने वाले बेहतरीन दोस्तों को छोड़कर वापस लौटने का दुख भी है. 

25 अगस्त को लखनऊ जाएंगे

माना जा रहा है कि सोमवार को शुभांशु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. सोमवार को ही लोकसभा में शुभांशु के सफल अंतरिक्ष मिशन के आधार पर भारत के अंतरिक्ष की तरफ़ उठाए गए कदमों पर विशेष चर्चा होगी. इसके बाद 22 अगस्त को वो दिल्ली में नेशनल स्पेस डे के मौके पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे. दिल्ली में ये सारे कार्यक्रम करने के बाद शुभांशु 25 अगस्त को अपने गृह जनपद लखनऊ आयेंगे. 

लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के ज़ोरदार स्वागत की तैयारी है. बताया जा रहा है कि शुभांशु सुबह क़रीब 8.30 बजे लखनऊ आयेंगे. लगभग नौ बजे वो सजी धजी गाड़ी में सवार होकर निकलेंगे तो रोड शो जैसी उनकी यात्रा में जगह-जगह उनका स्वागत किया जाएगा. सुबह दस बजे वो अपने स्कूल सीएमएस में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे पहुंचेंगे. संभव है इस आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे.

अब गगनयान मिशन की तैयारी

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले शुभांशु इंडियन एयरफोर्स में पायलट हैं. ग्रुप कैप्टेन के पोस्ट पर रहते हुए उन्होंने एस्ट्रोनॉट बनने की सफ़ल कोशिश की. भारत के गगनयान मिशन से जुड़े शुभांशु का चयन ऐक्सियम-4 के लिए भी हुआ. लगभग सवा साल की बेहद कठिन ट्रेनिंग के बाद वो अपने तीन अन्य अंतरिक्षयात्रियों के साथ आईएसएस पहुंचे. लगभग 18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद वो सुरक्षित धरती पर वापस लौट आए. अब उनके अनुभव का इस्तेमाल भारत के गगनयान मिशन में किया जाएगा.

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक