Shilpa Shetty – Raj Kundra की बढ़ीं मुश्किलें, जारी किया गया Lookout Notice, 60 करोड़ की धोखाधड़ी का है मामला

मुंबई पुलिस ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति, व्यवसायी राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी कर दिया है। 60.48 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में ये फैसला लिया गया है। कपल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार कपल की लगातार विदेश यात्राओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम जांच को बाधित होने से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। बता दें, एक ओर ये मामला संज्ञान में आया है, दूसरी ओर उन्होंने अपने रेस्टोंरेट को बंद करने का ऐलान किया और इसी बीच राज कुंद्र अपनी अपकमिंग फिल्म के प्रमोशन में लगे हुए हैं।

क्या है मामला?

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 14 अगस्त को शिल्पा, राज और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता, 60 वर्षीय व्यवसायी दीपक कोठारी ने आरोप लगाया है कि उनके साथ एक ऋण-सह-निवेश योजना के तहत ठगी की गई, जिससे उन्हें 60 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। कोठारी, जो लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक हैं का दावा है कि उन्होंने एक कॉमन फ्रेंड के जरिए राज कुंद्रा से मुलाकात की थी। इसके बाद, दंपति की कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड ने उन्हें निवेश का प्रस्ताव दिया और मासिक रिटर्न व मूलधन वापसी का आश्वासन दिया।

दर्ज हुई हैं गंभीर धाराएं

शिकायत के मुताबिक, कोठारी ने वर्ष 2015 में दो किश्तों में राशि ट्रांसफर की, अप्रैल में ₹31.95 करोड़ और सितंबर में ₹28.53 करोड़। यह पूरी रकम बेस्ट डील टीवी के बैंक खाते में गई। लेकिन 2016 में शिल्पा शेट्टी ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। कोठारी को बाद में पता चला कि कंपनी पहले से ही एक अन्य निवेशक के साथ धोखाधड़ी के आरोपों के चलते दिवालिया कार्यवाही का सामना कर रही थी। कोठारी ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार धन वापसी की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उनका कहना है कि कंपनी में किया गया निवेश वास्तव में शिल्पा और राज के निजी उपयोग के लिए किया गया था। पुलिस ने दंपति पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। धारा 403- बेईमानी से संपत्ति का गबन, धारा 406- आपराधिक विश्वासघात और धारा 34- साझा आपराधिक मंशा शामिल हैं।

शिल्पा और राज कुंद्रा का पक्ष

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने इन आरोपों से स्पष्ट इनकार किया है। उनके वकील प्रशांत पाटिल ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसे निराधार और दुर्भावनापूर्ण करार दिया। पाटिल के अनुसार यह मामला पुराने वित्तीय लेनदेन से जुड़ा है, और कंपनी बाद में वित्तीय संकट का शिकार होकर एनसीएलटी (National Company Law Tribunal) में कानूनी कार्यवाही में उलझ गई। उन्होंने दावा किया कि यह एक इक्विटी निवेश का सौदा था, न कि कोई आपराधिक धोखाधड़ी। बयान में आगे कहा गया कि कंपनी को पहले ही परिसमापन आदेश* मिल चुका है और इस संबंध में सभी दस्तावेज, नकदी प्रवाह विवरण, और ऑडिट रिपोर्ट समय-समय पर आर्थिक अपराध शाखा को सौंपे गए हैं।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक