आगरा धर्मांतरण केस में पाकिस्तान कनेक्शन का खुलासा, जांच में चौंकाने वाले सबूत मिले

आगरा: आगरा पुलिस की जांच में धर्मान्तरण मामला में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपियों का मकसद 2050 तक पूरे भारत में इस्लाम फैलाना था। जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान में बैठे लोग लड़कियों से संपर्क में थे। धर्मान्तरण के लिए लाई गई लकड़ियों की बात कश्मीर और पाकिस्तान के लोगों से कराई जाती थी। पाकिस्तान में बैठा हैंडलर कश्मीर की लड़कियों के साथ दोस्ती करवाता था। 

हिन्दू लड़कियों का ब्रेन वाश किया जाता था

धर्मान्तरण कराने वाले गैंग में हिन्दू धर्म के प्रति जहरीली बातें बोली जाती थी। हिन्दू लड़कियों का ब्रेन वाश किया जाता था। धर्मान्तरण के लिए लाई गई लड़कियों को कश्मीर की लड़कियों को पाकिस्तान से चलने वाले ग्रुप में ऐड किया जाता था। आरोपी अब्दुल रहमान क्राउड फंडिंग करता था। क्रिप्टो के साथ डॉलर में भी पैसों का लेनदेन किया जाता था।

तीन आरोपी डार्क वेब की जानकारी रखते हैं

आगरा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में से 3 डार्क वेब की जानकारी रखते हैं। डार्क वेब में ज़रिए लोगों से बात की जाती थी। प्रतिबंधित एप सिग्नल के ज़रिए आपस में बात की जाती थी। हिन्दू लड़कियों और लड़कों से जुड़ने के लिए ऑनलाइन गेम का सहारा लिया जाता था। लोग लूडो जैसी गेम खेल कर लड़कियों और लड़कों से जुड़ते थे।

अब्दुल रहमान और और आयशा के नेतृत्व मे ंचलता था ग्रुप

 पुलिस ने बताया कि यह एक संगठित ग्रुप है, जो अब्दुल रहमान निवासी दिल्ली और आयशा निवासी गोवा के नेतृत्व में कार्य कर रहा था। अब्दुल रहमान फिरोजाबाद का रहने वाला व्यक्ति था जिसने 1990 में अपना धर्म परिवर्तन किया था। यह एटीएस द्वारा जेल भेजे गये कलीम सिद्दीकी का सबसे करीबी सहयोगी था। जितने भी अभियुक्त पकड़े गये है उनमें से लगभग सभी के सम्बन्ध आयशा और अब्दुल रहमान से थे। उत्तराखण्ड के देहरादून, उत्तर प्रदेश के बरेली, अलीगढ़, रायबरेली, हरियाणा के झज्जर व रोहतक की लड़कियां जिनको धर्म परिवर्तन के लिए बहकाया गया है उन सभी से इस सम्बन्ध में बातचीत की गयी थी और इन सभी लड़कियों को इस जंजाल से आगरा पुलिस द्वारा निकाला गया है।

14 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार

आगरा धर्मांतरण मामले में पुलिस ने अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें आयशा उर्फ एस.बी. कृष्णा – गोवा, शेखर रॉय उर्फ अली हसन निवासी कोलकाता, ओसामा निवासी कोलकाता, रहमान कुरैशी – आगरा, अब्बू तालीब – खालापार, मुजफ्फरनगर, अबुर रहमान – देहरादून, रित बानिक उर्फ इब्राहिम – कोलकाता, जुनैद कुरैशी – जयपुर, मुस्तफा (मनोज) – दिल्ली , मोहम्मद अली – जयपुर, अब्दुल रहमान निवासी मुस्तफाबाद दिल्ली,जुनैद कुरैशी निवासी मुस्तफाबाद दिल्ली, अब्दुल्ला निवासी मुस्तफाबाद दिल्ली, अब्दुल रहीम निवासी मुस्तफाबाद दिल्ली शामिल हैं। इनमें से 11 अभियुक्त 10 दिन की पुलिस रिमांड पर लिए गए थे। 

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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