जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट अचानक बंद, 3 मरीजों ने तोड़ा दम

पंजाब के जालंधर के सिविल अस्पताल में घोर लापरवाही सामने आई है। यहां के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में देर रात ऑक्सीजन प्लांट अचानक बंद हो जाने से 3 मरीजों की मौत हो गई। इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। वहां मौजूद मरीजों और उनके परिजनों में हड़कंप मच गया। ट्रॉमा सेंटर में एक स्नेक बाइट, एक टी.बी. और एक ड्रग्स ओवरडोज के मरीज का इलाज चल रहा था। ये मरीज पहले से ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।

ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर विनय ने सिविल अस्पताल प्रशासन का बचाव करते हुए कहा कि ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी आई थी लेकिन फॉल्ट को ठीक कर लिया गया था, यह मौतें उसके बाद हुई हैं। घटना के बाद अस्पताल स्टाफ ने हालात को काबू करने की कोशिश की, लेकिन मरीजों की जान नहीं बचाई जा सकी। फॉल्ट को जल्द ही ठीक कर लिया गया था, और यह कहना जल्दबाजी होगी कि मौतें ऑक्सीजन की कमी से ही हुई हैं। हां, इतना जरूर है कि मौतें ऑक्सीजन प्रेशर कम होने के बाद हुई हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

मरने वाले मरीजों के परिजन बोले, अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार

हालांकि मरने वाले मरीजों के परिवार वालों का कहना था कि उनके परिवारिक सदस्यों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो गई, जिसके चलते उनकी मौत हुई है। सर्पदंश का शिकार हुई मरीज अर्चना जो कि सिविल अस्पताल में इलाज करवा रही थी के परिजनों का कहना है कि हमारी बेटी पिछले 7 दिनों से यहां भर्ती थी। हमारी बेटी को जिस मशीन से ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही थी, वह बंद हो गई थी। हमने पहले भी कई बार सिविल अस्पताल के स्टाफ को ऑक्सीजन बंद होने की शिकायत दी थी, लेकिन स्टाफ ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आज हमारी बेटी की ऑक्सीजन फिर से बंद हो गई, जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

आप की स्वास्थ्य क्रांति की पोल खुली: कांग्रेस

आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक परगट सिंह ने जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई फेल होने से आई.सी.यू. में 3 मरीजों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। इस घटना की निंदा करते हुए परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामी और पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्था की गिरती हालत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति की बात करती हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री को इस मामले की गंभीरता से जांच करवानी चाहिए। इस मामले में दोषी अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यह हादसा एक सिस्टम की नाकामी है। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को राम भरोसे छोड़ दिया गया है। अस्पतालों में ऑक्सीजन जैसी जीवनरक्षक सुविधा का फेल होना कोई छोटी चूक नहीं, यह एक प्रशासनिक अपराध है।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *