नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच मजबूत होते रक्षा संबंधों के बीच एक बड़ी अहम खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4 और 5 दिसंबर को होने वाली मुलाकात में भारत 5 S-400 स्क्वॉड्रन की मांग करने वाला है। साथ ही, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को ताकत देने के लिए 300 रूसी मिसाइलों की खरीद शुरू करने की योजना है। बताया जा रहा है कि भारत जल्द ही रूस को 300 मिसाइलों के लिए प्रस्ताव का अनुरोध (RFP) जारी करेगा। ये मिसाइलें S-400 सिस्टम को रीफिल करने के लिए हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल की गई थीं। सूत्रों के मुताबिक, यह कदम भारत की हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने का हिस्सा है।
Su-57 फाइटर जेट पर भी हो रहा विचार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत रूस के पांचवीं पीढ़ी के Su-57 फाइटर जेट के दो से तीन स्क्वाड्रन खरीदने पर विचार कर रहा है। रूस इसे अमेरिकी एफ-35 लाइटनिंग II का विकल्प बता कर प्रचारित कर रहा है। एक सूत्र ने बताया, ‘यह भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट को 2-3 स्क्वाड्रन में शामिल करने की बात है। यह एक अस्थायी उपाय होगा, जब तक स्वदेशी स्टेल्थ एएमसीए (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) 2035 तक तैयार नहीं हो जाता। लेकिन Su-57, एफ-35 या किसी अन्य विकल्प पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।’ भारत मॉस्को से अतिरिक्त S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भी विचार कर रहा है।
क्या है S-400 सुदर्शन चक्र?
भारत ने रूसी S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया है। यह नाम महाभारत से लिया गया है, जहां भगवान विष्णु का यह हथियार सटीकता, गति और मारक क्षमता का प्रतीक है। ठीक उसी तरह, S-400 की क्षमताएं भी ऐसी ही हैं। रूस की अल्माज-अंते कंपनी द्वारा डिजाइन किया गया यह सिस्टम दुनिया के सबसे उन्नत लंबी दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टमों में से एक है। यह विमान, ड्रोन्स और बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई हमलों को रोक सकता है। इसकी पहुंच 400 किलोमीटर तक है और यह 600 किलोमीटर दूर के लक्ष्यों को पहचान सकता है। भारत के ये हथियार निश्चित रूप से चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाने वाले हैं।
