भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घरेलू क्रिकेट में शॉर्ट रन को लेकर एक नया नियम बनाया है। अब अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है, तो फील्डिंग टीम का कप्तान तय करेगा कि स्ट्राइक पर कौन-सा बल्लेबाज रहेगा। ऐसे में BCCI ने शॉर्ट रन के मामले में कप्तान को पावर दी है।
स्ट्राइक अपने पास रखने के लिए बल्लेबाज लेते हैं शॉर्ट रन
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक क्रिकेट मैच में बल्लेबाज जानबूझकर इसलिए शॉर्ट रन लेते हैं, ताकि जो सीनियर बल्लेबाज है वह स्ट्राइक पर आ सके। जब भी कोई सीनियर बल्लेबाज निचले क्रम के प्लेयर्स के साथ क्रीज पर मौजूद होता है, तो वह ज्यादा समय स्ट्राइक अपने पास रखना चाहता है। इसी वजह से शॉर्ट रन चलन में आया। टी20 क्रिकेट, फ्रेंचाइजी क्रिकेट और आईपीएल में कभी-कभी ऐसा देखा गया था। शॉर्ट रन के लिए पहले से ही नियम मौजूद है, जिसके तहत फील्डिंग टीम को पांच रन तक दिए जा सकते हैं और मैच रेफरी के सामने सुनवाई का भी प्रावधान है।
शॉर्ट रन पर कप्तान करेगा अहम फैसला
अब बीसीसीआई ने नया नियम यह जोड़ा कि बल्लेबाजों द्वारा जानबूझकर शॉर्ट लेने पर फील्डिंग टीम का कप्तान यह तय करेगा कि कौन-सा बल्लेबाज स्ट्राइक पर रहेगा। अगर अंपायर को लगता है कि जानबूझकर शॉर्ट रन नहीं लिया गया है। फिर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
शॉर्ट रन नियम (धारा 18.5.2):
- अगर जानबूझकर शॉर्ट रन लिया जाता है, तो अंपायर गेंद पर लिए गए किसी भी रन को अस्वीकार कर देगा।
- फील्डिंग टीम को पांच रन एक्स्ट्रा दे सकता है।
- यदि लागू हो, तो नो बॉल या वाइड का इशारा करेगा।
- विरोधी टीम के कप्तान से कहेगा कि वह फैसला ले कि अब स्ट्राइक पर कौन-सा बल्लेबाज रहेगा।
- इसके बाद स्कोर को अपडेट करेगा।
इंजरी रिप्लेसमेंट को लेकर भी बनाया नियम
BCCI ने किसी प्लेयर के मैदान के दौरान सीरियस इंजरी होने के हालात में उसे प्लेइंग 11 में रिप्लेसमेंट करने का विकल्प दिया गया है। ये नियम मल्टी-डे मैचों में लागू किया जाएगा। जबकि इंटरनेशनल क्रिकेट में जब किसी खिलाड़ी के सिर में गेंद लग जाए, तो सिर्फ कनकन सब्सटीट्यूट ही मिलता है।