12 जून को अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के 4 दिन बाद, एयर इंडिया के 112 पायलट्स अचानक से बीमार पड़ गए। सभी ने सीक-लीव ले ली। एक सवाल के जवाब में संसद के मानसून सत्र में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है। सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश के बाद, एयर इंडिया की उड़ानों के पायलटों के चिकित्सा अवकाश लिए जाने में मामूली वृद्धि देखी गई। नागर विमानन मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पायलटों द्वारा अस्वस्थ होने की सूचना देने में मामूली वृद्धि हुई है तथा 16 जून को 51 कमांडरों ने बीमार होने की सूचना दी।
उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गया था विमान
बता दें कि एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई। विमान में सवार 242 लोगों में केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा। वहीं, विमान के इमारत से टकराने पर, दुर्घटनास्थल पर मौजूद 19 लोगों की भी जान चली गई। इस दर्दनाक घटना का सीधा असर देश की प्रतिष्ठित एयरलाइन कंपनी के पायलट्स पर भी पड़ा। क्रैश के ठीक चार दिन बाद बड़े पैमाने पर पायलट्स ने बीमार होने की सूचना दी।
संसद में क्यों उठा मुद्दा?
दरअसल, निचले सदन के एक सदस्य ने यह जानना चाहा था कि क्या एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद बड़े पैमाने पर चालक दल के सदस्यों द्वारा अस्वस्थ होने की सूचना दी जा रही। इस पर गुरुवार को संसद में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि एयर इंडिया की उड़ान AI-171 दुर्घटना के बाद एयरलाइन के पायलटों के अस्वस्थ होने से संबंधित छुट्टियों में मामूली वृद्धि देखने को मिली है। 16 जून 2025 को कुल 112 पायलटों ने अस्वस्थ होने की सूचना दी। 61 कमांडर और 51 फ्लाइट ऑफिसर ने उसी दिन छुट्टी के लिए आवेदन दिया था।
DGCA ने जारी किया था मेडिकल सर्कुलर
फरवरी 2023 में जारी नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के ‘मेडिकल सर्कुलर’ में एयरलाइनों को चालक दल/एटीसीओ (हवाई यातायात नियंत्रकों) के लिए मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के प्रतिकूल प्रभावों का पता लगाने के लिए एक अलग ट्रेनिंग सेशन आयोजित करने की सलाह दी गई थी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य निगरानी के संबंध में, संगठनों (अनुसूचित और गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों, उड़ान प्रशिक्षण संगठनों और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण) को अपने कर्मचारियों के लिए एक सहायता कार्यक्रम शुरू करने की भी सलाह दी गई।
मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्तमान में, विमान दुर्घटना के कारण जमीन पर नागरिकों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे से संबंधित कोई विशिष्ट नीति नागर विमानन मंत्रालय के पास नहीं है।