Cough Syrup New Rule: मध्य प्रदेश में पिछले दिनों कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौतों के मामले सामने आए थे. इन मामलों के बाद प्रदेश के साथ ही देश भर में हड़कंप मच गया था. अब इन मामलों को केंद्र सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है और इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. इसके तहत अब देश भर के दवा विक्रेता बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के कफ सिरप नहीं बेच सकेंगे.
सरकार की शीर्ष नियामक औषध परामर्श समिति ने अपनी 67वीं बैठक में कफ सिरप की अनियंत्रित बिक्री पर रोक लगाने के लिए यह फैसला किया है, जिसके बाद अब देश भर में आसानी से कफ सिरप उपलब्ध नहीं होगा. सरकार का लक्ष्य है कि लोग ओवर द काउंटर की जगह डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन से दवा लें. अब तक ज्यादातर कफ सिरप ओवर द काउंटर बेचे जा रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार के नए फैसले के बाद अब इस पर लगाम लग सकेगी. सरकार की शीर्ष नियामक औषध परामर्श समिति ने 67वीं बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत अब कफ सिरप को उन दवाओं की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, जिन्हें ओवर द काउंटर बेचा जा सकता है.
केंद्र ने इसलिए उठाया यह कदम
देश और देश के बाहर कफ सिरप पीने के बाद पिछले दिनों बच्चों की मौतों के कई मामले सामने आए थे. बच्चों की मौतों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि भी खराब हो रही थी, जिसके मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है. साथ ही सरकार की कोशिश है कि लोग दवा विक्रेताओं से सीधे दवा न खरीदें और डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही दवा लें. इसके कई फायदे हैं. एक तो दवाओं के नशे के लिए इस्तेमाल पर रोक लगेगी.
दूसरी ओर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना कई बार लोग बिना किसी जरूरत के धड़ल्ले से एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं. इसके कारण एंटीबायोटिक्स असर नहीं करती है और शरीर में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं.
