Uttarkashi Cloudburst Update: रेस्क्यू मिशन में ITBP का कमाल… खोजी कुत्तों, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से 130 लोगों की जान बचाई

देहरादून: उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से जो तबाही आई, उसने सबकुछ लील लिया. अब यहां जोरों पर राहत एवं बचाव जारी है, जबकि यहां पहुंचना बेहद मुश्किल हो रहा है. लेकिन इसके बाद भी आईटीबीपी और बाकी टीमें जी-जान से जुटी है, ताकि हर कीमती जान को किसी भी तरह बचाया जा सकें. उत्तरकाशी में गंगोत्री नेशनल हाईवे एक जख्मी रास्ता बन चुका है — जगह-जगह लैंडस्लाइड और सैलाब ने इसे निगल लिया है. कहीं 100 मीटर, तो कहीं 200 मीटर तक सड़कें पूरी तरह बह चुकी हैं. रास्ते पर भूस्खलन की वजह से धराली गाँव का संपर्क पूरी तरह टूट गया. गांव चारों ओर से पानी और मलबे में घिरा है.

हेलीकॉप्टर-खोजी कुत्तों से लेकर ड्रोन तक... 130 की बचाई जान, ITBP और एयरफोर्स का युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन

रेस्क्यू में जुटी कौन-कौन सी टीमें

उत्तराखंड सीएम धामी ने उत्तरकाशी पहुंचने पर बताया कि भारतीय सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों सहित हमारी सभी एजेंसियां बचाव कार्य कर रही हैं. कल 130 लोगों को बचाया गया. तलाशी और बचाव अभियान जारी है. सड़कें और एक पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटनास्थल तक पहुंचना मुश्किल हो गया है. देहरादून में आपदा संचालन स्टेशन हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है. हम सभी को सुरक्षित बचाने के प्रयास कर रहे हैं. मैं हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं. पीएम मोदी ने आज भी बचाव अभियान की जानकारी ली.

एयरफोर्स ने भी संभाली कमान

भारतीय वायुसेना (IAF) ने राहत और बचाव कार्यों के लिए तेजी से कदम उठाए हैं. IAF की टीम ने रातभर तैयारी कर बरेली और आगरा एयरबेस से Mi-17 हेलिकॉप्टर, ALH Mk-III, An-32 और C-295 विमानों को राहत सामग्री और बचाव दलों के साथ तैयार किया. भारतीय वायुसेना के दोनों ही स्टेशनों पर रातभर काम चलता रहा, ताकि ज़रूरतमंदों तक जल्द से जल्द हरसंभव मदद पहुंचाई जा सके. हालांकि, फिलहाल घने कोहरे और बारिश के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में उड़ान भरना संभव नहीं हो पा रहा है. लेकिन मौसम साफ होते ही वायुसेना नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर इस संयुक्त ऑपरेशन को शुरू करेगी.

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक