ओडिशा के फकीर मोहन ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी की 20 वर्षीय छात्रा के आत्मदाह मामले में क्राइम ब्रांच ने रविवार देर रात दो लोगों को गिरफ्तार किया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था और अब जांच में हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने कॉलेज के छात्र ज्योति प्रकाश बिस्वाल और गैर-छात्र शुभ्र संबित नायक को हिरासत में लिया। शुभ्र संबित नायक एबीवीपी के स्टेट ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं जबकि ज्योति प्रकाश बिस्वाल भी एक सदस्य हैं। दोनों पर छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने और प्रेरित करने का आरोप है। गिरफ्तार करने के तुरंत बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ज्योति प्रकाश के मोबाइल में मिला बड़ा सबूत
ज्योति प्रकाश बिस्वाल वही छात्र है जो 12 जुलाई को हुई घटना के समय पीड़िता को बचाने की कोशिश करते हुए गंभीर रूप से झुलस गया था। उसे कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक जांच में एक बड़ा सबूत तब मिला जब ज्योति प्रकाश के मोबाइल से आत्मदाह के वक्त का 30 मिनट लंबा वीडियो बरामद हुआ। यह वीडियो जांच में अहम भूमिका निभा रहा है।
अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी?
इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की महिला एवं शिशु अपराध निराकरण शाखा कर रही है। 16 जुलाई से एक विशेष टीम ने जांच शुरू की। टीम ने कॉलेज परिसर और पास के पेट्रोल पंप में लगे सीसीटीवी फुटेज जब्त किए और गहराई से खंगाले। जांच के दौरान टीम ने कॉलेज के 50 से ज्यादा छात्रों से पूछताछ की, ताकि आत्मदाह की घटना से पहले और बाद की परिस्थितियों की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।
इस केस में अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुरुआती जांच में सहदेवखुंटा पुलिस ने कॉलेज के शिक्षा विभाग के प्रमुख समीर कुमार साहू और कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को गिरफ्तार किया था। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने जांच अपने हाथ में लेकर दो और आरोपियों को पकड़ा।
क्यों आहत थी छात्रा?
यह घटना 12 जुलाई को हुई थी, जब कॉलेज की दूसरी वर्ष की बी.एड. छात्रा ने कॉलेज परिसर में प्रिंसिपल दिलीप घोष के चैंबर के बाहर खुद को आग लगा ली। गंभीर रूप से झुलसने से पहले उसने आरोप लगाया था कि उसके HoD समीर कुमार साहू उसे अनुचित ‘फेवर’ के लिए दबाव डाल रहे थे और मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। इलाज के दौरान भुवनेश्वर स्थित एम्स में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया।
वीडियो सामने आने के बाद जांच में नया मोड़
आरोप-प्रत्यारोप के बीच ओडिशा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी। अब जब सीसीटीवी फुटेज, छात्रों के बयान और मोबाइल से मिला 30 मिनट का वीडियो सामने आ चुका है, जांच ने नया मोड़ ले लिया है।
एक 20 साल की छात्रा का कॉलेज परिसर में इस तरह खुद को आग के हवाले करना पूरे राज्य के लिए चिंता का विषय बन गया है। अब जबकि दोनों नए आरोपियों को गिरफ्तार कर 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है और जांच टीम ने दर्जनों गवाहों से पूछताछ कर कई अहम सबूत जुटाए हैं, पूरा राज्य इस केस में न्याय का इंतजार कर रहा है।