क्रिप्टोकरेंसी में अब तक की बड़ी चोरी: हैकर्स ने 384 करोड़ रुपये उड़ाए, जांच शुरू

बेंगलुरु: देश की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनी CoinDCX में बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरी हुई है, जिसमें हैकर्स ने कथित तौर पर कंपनी के वॉलेट से लगभग 44 मिलियन डॉलर (लगभग 384 करोड़ रुपये) की हेराफेरी की है। यह चोरी 19 जुलाई को तब सामने आई जब CoinDCX ने अपने सिस्टम में संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया।

CoinDCX में पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नमेंट अफेयर्स के उपाध्यक्ष हरदीप सिंह ने 22 जुलाई को दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, हैकर्स ने सबसे पहले सुबह 2:37 बजे केवल 1 USDT का एक छोटा सा टेस्ट ट्रांसफर किया और इसके कुछ घंटों बाद उन्होंने 44 मिलियन डॉलर ट्रांसफर कर लिए, चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी को कई वॉलेट्स में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे उसका पता लगाना मुश्किल हो गया।

कंपनी का कर्मचारी हुआ गिरफ्तार 

जांच के दौरान पुलिस को अंदरूनी सूत्रों की संभावित संलिप्तता के सबूत मिले और उसने CoinDCX के एक कर्मचारी राहुल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि अग्रवाल बिना अनुमति के कंपनी के लैपटॉप का इस्तेमाल करके फ्रीलांसिंग कर रहा था और पिछले एक साल में उसने कथित तौर पर लगभग 15 लाख रुपये कमाए थे। जांचकर्ताओं का मानना है कि उसने इस चोरी को अंजाम देने के लिए बाहरी हैकर्स के साथ मिलकर काम किया होगा।

साइबर क्राइम टीमें अब मनी ट्रेल को ट्रैक करने और चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी को बरामद करने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ काम कर रही हैं। राहुल अग्रवाल ने इस चोरी में संलिप्तता की बात से इंकार किया है। पिछले करीब 5 सालों से इस कंपनी में काम कर रहे आरोपी राहुल अग्रवाल ने हालांकि ये माना कि वो कंपनी के लेपटॉप से दूसरे काम भी कर रहा था। कुछ दिन पहले उसे व्हाट्सएप पर एक जर्मन नंबर से कॉल आया और उसे कुछ काम दिया गया और कहा गया कि कुछ फाइल्स उसे डाउनलोड करनी है। पुलिस को शक है कि ऐसे ही एक लिंक से हैकर्स ने राहुल के लेपटॉप से कंपनी के गोपनीय डेटा को एक्सेस कर लिया और फिर कंपनी के डिजिटल वॉलेट में सेंध लगाकर 384 करोड़ रुपये उड़ा लिए।

उत्तर कोरियाई हैकर्स पर शक

पैटर्न की जांच से पता चला है कि नॉर्थ कोरिया के हैकर्स की एक टीम इसके पीछे हो सकती है, पिछले दिनों में दुनिया भर में इस टीम ने ऐसी चोरियों को अंजाम दिया है। CoinDCX कंपनी ने हालांकि कहा कि इस घटना से निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा, कंपनी सुरक्षा नियमों को और भी मजबूत कर रही है और जांच में सहयोग दे रही है।

DCP व्हाइटफील्ड जोन, परशुराम ने बताया कि बेलंदूर में स्तिथ एक क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग कंपनी कॉइन डीसीएक्स से हमें शिकायत मिली। जांच करने पर पता चला कि कंपनी में काम कर रहे एक कर्मचारी के क्रीडेंशियल का इस्तेमाल कर 44 मिलियन डॉलर्स, भारतीय मुद्रा के मुताबिक लगभग 378 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए गए हैं। इस कर्मचारी की इस चोरी में मिलीभगत की आशंका के चलते 26 जुलाई को हमने उसे अरेस्ट कर लिया है। मामले की आगे की जांच की जा रही है। जांच में ये पता चला है कि आरोपी कंपनी के लेपटॉप से दूसरी कंपनियों के काम भी कर रहा था, मनी ट्रेल के बारे में आगे की जांच जारी है।

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *