रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने संविदा कर्मचारियों के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब किसी भी संविदाकर्मी को सिर्फ 1 महीने का वेतन देकर अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकेगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा से पृथक करने से पहले संबंधित कर्मचारी को अपील करने और अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा।
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) की नियम शाखा ने सभी विभागों, राजस्व मंडल अध्यक्षों, संभाग आयुक्तों, विभागाध्यक्षों, कलेक्टर्स और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को नए निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने कहा है कि किसी भी संविदाकर्मी को हटाने से पहले निर्धारित प्रक्रिया का पालन अनिवार्य होगा।
यह निर्णय बिलासपुर हाईकोर्ट के हालिया आदेश के अनुपालन में लिया गया है। कोर्ट ने कहा था कि संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने से पहले अपील और सुनवाई का अवसर मिलना चाहिए। अब किसी भी सेवामुक्त संविदाकर्मी को 60 दिनों के भीतर विभागाध्यक्ष के समक्ष अपील करने का अधिकार होगा। विभागीय सुनवाई के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
2012 के नियम में हुआ संशोधन
अब तक लागू छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 के अनुसार किसी भी संविदाकर्मी को 1 माह की पूर्व सूचना या एक माह का वेतन देकर हटाया जा सकता था। उस व्यवस्था में अपील का कोई प्रावधान नहीं था। नए निर्देश से यह प्रक्रिया अब अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत हो जाएगी।
