निखिल वखारिया
युवाओं में आत्मनिर्भरता, राष्ट्रसेवा और चरित्र निर्माण को दिया गया बढ़ावा
गरियाबंद। रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम रायपुर द्वारा जिले के पाँच प्रमुख महाविद्यालयों—शासकीय वीर सुरेन्द्रसाय पीजी महाविद्यालय, शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय, बीएड/डीएड गुरुकुल महाविद्यालय, आईटीएस कॉलेज और शासकीय आईटीआई महाविद्यालय—में व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं में आत्मनिर्भरता, राष्ट्रप्रेम, चरित्र निर्माण और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना था।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, प्राध्यापक, समाजसेवी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। शिविर में युवा पीढ़ी को सफलता, आत्मानुशासन और सकारात्मक सोच के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए गए।
स्वामी प्रपत्यानंद जी का प्रेरक मार्गदर्शन
इस शिविर के मुख्य वक्ता स्वामी प्रपत्यानंद जी महाराज (संपादक, विवेकज्योति मासिक पत्रिका) ने युवाओं को जीवन में सफलता प्राप्त करने के चार प्रमुख स्तंभ—मन, बुद्धि, शरीर और इंद्रियों पर नियंत्रण की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा—
“व्यक्ति का चरित्र ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी होती है। सकारात्मक सोच, संयम और आत्मअनुशासन से ही महान व्यक्तित्व का निर्माण संभव है।”
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने और अपने जीवन में धर्म, सेवा और कर्मयोग के सिद्धांतों को उतारने पर विशेष जोर दिया।
अन्य विशिष्ट वक्ताओं के विचार
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित विद्वानों और समाजसेवियों ने अपने विचार रखे—
✅ डॉ. बी.एल. सोनकर (प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, पं. रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर) ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणादायक प्रसंग साझा किए और कहा कि—
“यदि हमें अपने जीवन में कुछ बड़ा करना है, तो अनुशासन, आत्मनिर्भरता और कड़ी मेहनत जरूरी है।”
✅ डॉ. विनित कुमार साहू (सहायक प्राध्यापक, शासकीय कचना धुरवा महाविद्यालय, छुरा) ने कहा—
“व्यक्तित्व विकास सिर्फ बाहरी दिखावे का नाम नहीं, बल्कि यह आत्मबोध, आत्मनियंत्रण और आत्मशक्ति को जागृत करने की प्रक्रिया है।”
✅ समाजसेवी शीतल ध्रुव ने युवाओं को समाज सेवा और राष्ट्रनिर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
ज्ञानवर्धक साहित्य का निःशुल्क वितरण
शिविर में रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम रायपुर द्वारा ‘विवेकज्योति’ मासिक पत्रिका और ‘शक्तिदायी विचार’ पुस्तक का निःशुल्क वितरण किया गया। इन पुस्तकों में स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार संकलित हैं, जो युवाओं को सकारात्मक दिशा और आत्मबल प्रदान करने में सहायक सिद्ध होंगे।
विशेष अतिथि और गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद, समाजसेवी और महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे—
✔ डॉ. आर.के. तलवरे (प्राचार्य, वीर सुरेन्द्रसाय पीजी महाविद्यालय)
✔ श्री सी.एल. तारक (वरिष्ठ प्राध्यापक)
✔ डॉ. नीलांबर पटेल (शिक्षाविद)
✔ डॉ. सत्यम कुंभकार (रा.से.यो. कार्यक्रम अधिकारी)
✔ श्री प्रेमानंद महिलांग (शिक्षाविद)
✔ श्री भुनेश्वर कुर्रे (वरिष्ठ शिक्षक)
✔ धर्मेंद्र ओझा (संरक्षक, गुरुकुल महाविद्यालय)
✔ डॉ. सत्येंद्र तिवारी (प्राचार्य, आईटीएस कॉलेज)
✔ शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय गरियाबंद के प्राचार्य एवं शिक्षकगण
शिविर में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और जीवन में अनुशासन, सकारात्मक सोच, नैतिकता और सेवा भावना को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
शिविर का प्रभाव और भविष्य की दिशा
इस व्यक्तित्व विकास शिविर ने युवाओं को अनुशासन, नैतिकता, राष्ट्रसेवा और आत्मनिर्भरता की राह दिखाने का कार्य किया। इस कार्यक्रम से प्रेरित होकर कई छात्रों ने समाजसेवा और आत्मविकास की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम रायपुर द्वारा इस प्रकार के आयोजन समाज को एक नई दिशा देने और युवा शक्ति को सही मार्ग पर ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस आयोजन का दीर्घकालिक प्रभाव युवाओं के चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में अवश्य दिखेगा।
“उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत!” – स्वामी विवेकानंद
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