Bilaspur Rail accident: लाल खदान रेल दुर्घटना के बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CRS) बृजेश कुमार मिश्र ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस जांच के तहत डेढ़ दर्जन से अधिक रेल कर्मचारी और अधिकारी आवश्यक कागजात के साथ तलब किए गए हैं। पूछताछ 6 और 7 नवंबर 2025 को सुबह 9 बजे से बिलासपुर DRM ऑफिस में होगी। जांच टीम ने गतौरा स्टेशन के सिग्नल पैनल रूम, रेल लाइन और दोनों प्रभावित ट्रेनों का निरीक्षण शुरू कर दिया था। रेलवे सुरक्षा प्रोटोकॉल और हादसे की वास्तविक परिस्थितियों का पता लगाने के लिए CRS की टीम ने दुर्घटना स्थल का विस्तृत जायजा लिया।

जांच में शामिल 19 कर्मचारियों और अधिकारियों में मेमू ट्रेन की सहायक लोको पायलट रश्मि राज, मालगाड़ी के गार्ड सुनील कुमार साहू, सहायक लोको पायलट पुनीत कुमार, मेमू ट्रेन के मैनेजर एके दीक्षित, मालगाड़ी के मैनेजर शैलेष चंद्र, सेक्शन कंट्रोलर पूजा गिरी, और तीन स्टेशन मास्टर आशा रानी, ज्योत्स्ना रात्रे, निशा कुमारी शामिल हैं। इसके अलावा CSM एसके निर्मलकर, सेक्शन इंजीनियर केरिज एंड वैगन, CLI एसके आचार्य, सेक्शन इंजीनियर पीवे जेपी राठौड़, सेक्शन इंजीनियर सिग्नल जेके चौधरी, CDTI ए के अग्ने, सेक्शन इंजीनियर मेमू शेड नरेंद्र साहू और बोधन गड़रिया, तथा मालगाड़ी के गार्ड सुब्रतनु साहू और सहायक लोको पायलट प्रभात सिंह को भी तलब किया गया है।
CRS टीम का उद्देश्य दुर्घटना के कारणों, रेल संचालन में किसी प्रकार की चूक और तकनीकी विफलताओं की जांच करना है। इसके साथ ही सुरक्षा मानकों के अनुपालन और आवश्यक सुधार के उपायों पर भी ध्यान दिया जाएगा। जांच प्रक्रिया के दौरान पीड़ितों और दुर्घटना से प्रभावित जनों को भी जानकारी और दावा आपत्ति के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। इससे प्रभावित परिवारों और स्थानीय लोगों को सीधे जांच में अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने तीन दिनों के भीतर CRS से रिपोर्ट मांगी है, ताकि हादसे की तत्काल समीक्षा कर आगामी सुरक्षा कदमों की योजना बनाई जा सके। CRS द्वारा तलब किए गए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से विस्तृत पूछताछ की जाएगी और दुर्घटना से संबंधित सभी कागजात, ट्रेन डायरी, सिग्नल लॉग और संबंधित तकनीकी रिपोर्टें भी मंगवाई जाएंगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस प्रकार की दुर्घटनाओं के तुरंत बाद CRS की जांच प्रक्रिया रेलवे सुरक्षा मानकों के अनुसार बेहद गंभीरता से संपन्न की जाती है। जांच का उद्देश्य केवल दोषियों की पहचान करना नहीं है, बल्कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाना भी है। इस बीच, लाल खदान रेल दुर्घटना से प्रभावित इलाके में रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और सभी सक्रिय स्टेशनों पर निगरानी कड़ी कर दी है। अधिकारियों ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे आगामी तीन दिनों में किसी भी तरह की संदिग्ध या असामान्य गतिविधि की सूचना तत्काल रेलवे सुरक्षा अधिकारियों को दें।
