नक्सलियों की नई चाल: बारिश में बचने के लिए जंगल में बनाया पुल, गूगल मैप में आया नजर

बस्तर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बारिश के बीच फोर्स का नक्सल ऑपरेशन जारी है। नक्सलियों को मौत की नींद सुलाने के लिये जवान दिन-रात भीगते बारिश के बीच सर्चिंग कर रहे हैं। आज मंगलवार को नक्सली शहीदी सप्ताह के दौरान भी फोर्स का नक्सल ऑपरेशन चल रहा है। इस वजह से नक्सलियों के बस्तर संभाग के पैर उखड़ रहे हैं। उनका संगठन कमजोर हो रहा है। इस वजह से नक्सली जाने बचाने के लिए पड़ोसी राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में बॉडर के रास्ते भाग रहे हैं। जवानें से अपनी जान बचाने के लिये नये-नये हथकंडे और पैतरा आजमा रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा बीजापुर में देखने को मिला है। 

लकड़ी का अस्थाई पुल बनाया 
नक्सलियों ने अपनी जान बचाने के लिये 60 मीटर का लकड़ी का अस्थाई पूल बनाया है। इसी से होकर छत्तीसगढ़ से सटे पड़ोसी राज्यों में भाग रहे हैं। पुलिस के इस पुल की पहचान गूगल मैप के जरिये पता चला है। जवानों ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। नक्सलियों ने बीजापुर जिले के घने जंगलों के बीच से होकर जाने वाली चिंतावागु नदी में 60 मीटर का अस्थाई लकड़ी का पुल बनाया है। यह पुल  गुंजेपर्थी-कोमाटपल्ली सीमा क्षेत्र में बनाया गया है। यह क्षेत्र तेलंगाना सीमा से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है।

छत्तीसगढ़-तेलंगाना में जाने के लिये बनाया ये पुल
बारिश के बीच इस पुल का निर्माण नक्सलियों ने अपने आने-जाने के लिए किया है ताकि वे आराम से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा में आना जाना कर सके। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे नक्सल अभियान में पिछले कई महीनों से नक्सलियों के टॉप लीडर पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। कुछ टॉप लीडर छत्तीसगढ़ छोड़ दूसरे राज्यो में आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं। ऐसे में नक्सलियों की एक बड़ी टीम ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस के लगातार दबाव के चलते नक्सली छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों में भी सरेंडर कर रहे हैं। 

गूगल मैप से मिली जानकारी
इस पुल की जानकारी कुछ दिन पहले ही जवानों को गूगल मैप से मिली है। केंद्रीय बलों ने 15 दिन पहले इस पुल की पहचान की है, जो पिछले दिसंबर तक इस नदी में नहीं होने की बात कही जा रही थी। पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बरसात के दिनों में नक्सलियों को छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों में आने-जाने के लिए इस पुल का निर्माण किया गया होगा। 

Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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