जाति जनगणना पर मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय — भाजपा युवा नेता हिरेन्द्र साहू ने बताया सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम

निखिल वखारिया


गरियाबंद। देश में पहली बार जाति आधारित जनगणना कराने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया निर्णय ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव वाला बताया जा रहा है। भाजपा युवा नेता हिरेन्द्र साहू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस निर्णय का स्वागत किया और प्रधानमंत्री को साधुवाद दिया।

साहू ने कहा कि “देश को दशकों से जातिगत आंकड़ों की सटीक जानकारी की आवश्यकता थी, लेकिन कांग्रेस ने केवल वोट बैंक की राजनीति के चलते आज़ादी के बाद भी जाति जनगणना नहीं कराई। अब यह ऐतिहासिक पहल प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में साकार हो रही है, जो विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा झटका है।”

उन्होंने कहा कि 1951 में पहली बार जाति जनगणना की शुरुआत हुई थी, लेकिन इसके बाद कांग्रेस सरकारों ने इसे जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल दिया क्योंकि उन्हें इसके राजनीतिक नुकसान का डर था। बीते 70 वर्षों में जाति जनगणना नहीं कराई गई, जिससे सामाजिक योजनाओं की प्रभावशीलता प्रभावित हुई।

भाजपा नेता ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “अब जब मोदी सरकार ने यह साहसिक निर्णय लिया है, तो कांग्रेस के नेता इसे अपनी पुरानी मांग बताकर श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी इसे अमल में लाने की ईमानदार कोशिश नहीं की।”

बहुसंख्यक समुदायों को मिलेगा न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व

साहू ने कहा कि जाति जनगणना से देश के बहुसंख्यक वर्गों को उनकी सही जनसंख्या के आधार पर योजनाओं और प्रतिनिधित्व का अधिकार मिलेगा। यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक ठोस कदम है और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के मूलमंत्र को साकार करता है।

उन्होंने विश्वास जताया कि इस निर्णय से सभी वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी और देश समावेशी विकास की ओर आगे बढ़ेगा।


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Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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