दिनांक 22-03-2025
संवाददाता अरविन्द कोठारी
ठाणे – ठाणे महानगरपालिका (TMC) ने दिवा क्षेत्र में पानी की आपूर्ति सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर 600 मिमी पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूरा किया था। इस परियोजना का उद्घाटन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा बड़े धूमधाम से किया गया था। उस समय जनता को यह आश्वासन दिया गया था कि अब दिवा क्षेत्र में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी और नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी मिलेगा। लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है।

पानी के लिए तरस रही जनता, लेकिन टैंकर माफिया की चांदी
दिवा पश्चिम, एन.आर नगर, कृष कॉलोनी, मुंब्रा देवी कॉलोनी, नागवाड़ी समेत कई इलाकों में हजारों नागरिकों को आज भी पीने के पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ठाणे महानगरपालिका के नल कनेक्शनों में या तो पानी आता नहीं, और अगर आता भी है तो उसकी मात्रा बेहद कम होती है। दूसरी ओर, नगर निगम जनता से भारी-भरकम पानी के बिल वसूलने में कोई कोताही नहीं बरत रही है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से टैंकर माफिया का राज दिवा में चल रहा है। जहां आम जनता बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं रोजाना लाखों लीटर पानी टैंकर माफिया को बेचा जा रहा है।
भाजपा ने उठाई आवाज, दिया प्रशासन को अल्टीमेटम
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले तीन वर्षों से इस गंभीर समस्या को लेकर प्रशासन से लगातार शिकायत कर रही है। पार्टी के दिवा अध्यक्ष सचिन भोईर के नेतृत्व में भाजपा युवा मोर्चा के डॉ. सतीश केलशीकर ने दिवा प्रभाग समिति के सहायक आयुक्त श्री राजेंद्र गिरी को एक स्मरण पत्र सौंपा है।इस पत्र में जल्द से जल्द पानी की समस्या का समाधान निकालने की मांग की गई है, अन्यथा भाजपा ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
जनता का आरोप: प्रशासन और सरकार की नाकामी
स्थानीय लोगों का कहना है कि टीएमसी और सरकार के भ्रष्टाचार के कारण टैंकर माफिया को खुली छूट मिली हुई है। लोग मजबूर होकर महंगे दामों में टैंकर से पानी खरीद रहे हैं, लेकिन नल में पानी नहीं आ रहा।
एन.आर. नगर के निवासी रमेश गायकवाड़ का कहना है –“हम हर महीने हजारों रुपये पानी के बिल के रूप में भरते हैं, लेकिन पानी की एक बूंद भी नहीं मिलती। अगर पैसे भरने में देर हो जाए, तो टीएमसी तुरंत कनेक्शन काटने की धमकी देती है। आखिर हम कहां जाएं?” वहीं, मुंब्रा देवी कॉलोनी की गृहिणी संगीता पाटिल कहती हैं –“घर चलाना मुश्किल हो गया है। नल में पानी नहीं आता, लेकिन जबरदस्ती बिल भेजा जाता है। अगर टैंकर से पानी खरीदें, तो उसके भी दाम आसमान छू रहे हैं।”
विधानसभा में दिया गया था आश्वासन, लेकिन स्थिति जस की तस
ठाणे क्षेत्र की पानी समस्या को लेकर विधानसभा में भी चर्चा हुई थी। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया था कि कालू धरण के पूरा होने के बाद ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र की पानी की समस्या स्थायी रूप से हल हो जाएगी। लेकिन अभी तक यह परियोजना पूरी नहीं हुई है, और तब तक के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
भाजपा का आंदोलन, प्रशासन की परीक्षा
भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन सरकार और प्रशासन के लिए एक परीक्षा की घड़ी होगी। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाता है। क्या जनता को उनकी मूलभूत आवश्यकता – पानी – के लिए संघर्ष करना पड़ेगा, या फिर प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई करेगा?
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